आज से दस साल पहले Deodorant से हम उतने परिचित नहीं थे जितने कि आज हैं। गर्मियों में scarf, goggles और पानी की bottle से ज्यादा जरूरी deo लगता है तो सर्दियों में ऊनी कपड़ों की महक और कभी कभी न नहाने की वजह से deo से नहाना भी हमारी आदत में शुमार हो गया है। हम हर रोज़ इसका इस्तेमाल करते हैं इसलिए हमें लगता है कि इसमें कोई सीखने जैसी बात नहीं है। बस cap हटाया और spray कर लिया, काम खत्म। पर ऐसा नहीं है, बताते हैं क्यों -
Deo का मुख्य काम है, आपके पसीने की बदबू को रोकना और आपको देना एक ताज़ी महक इसलिए नहा कर आने के बाद ही deo लगाना बेहतर है, न कि नहाने के बाद पसीने का इंतज़ार करना और फिर लगाना।
आपको लगता है कि deo की खुशबू कपड़े पर देर तक रहेगी इसलिए आप कपड़ों पर ही deo लगाती थीं। पर deo हमारे गंधरोधक (odour-causing) बैक्टीरिया को खत्म करता है और antiperspirant की तरह काम करता है ताकि पसीना कम आए, इसलिए इसे त्वचा पर लगाना ही बेहतर है।
Deo लगाने से पसीने की smell नहीं आती, इसलिए आप इससे नहा लेती हैं ताकि दिन भर की छुट्टी हो जाए। पर इससे ये नहीं लगता कि आप बहुत अच्छी महक रही हैं बल्कि यही लगता है कि आप ने overdose ले लिया है और अधिक महक किसी को भी पसंद नहीं। Deo में मौजूद केमिकल्स बैक्टीरिया खत्म करते हैं तो ज्यादा लगाने पर आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगर आपको पसीना ज्यादा आता है तो आप ऐसा deo चुनें जिसमें antiperspirants अधिक मात्रा में हों, इसमें aluminium salt होता है जो पसीना सोख लेता है। अगर आपको पसीना कम आता है तो इतने केमिकल्स को मुफ्त में क्यों झेलना? अधिक पसीने के लिेए roll-ons और gels का भी इस्तेमाल कर सकती हैं पर अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है, तो इससे दूर ही रहें।
Perfumes को आप अपनी कलाई पर और कान के पीछे लगाती हैं क्योंकि ये pulse-points हैं जो खुशबू को लंबे समय तक रखते हैं पर ये rules perfume के लिए हैं, deo का इस्तेमाल वहीं करें जहां पसीना आता हो। जैसे - underarms, अपनी कोहनी (elbow) के अंदर वाले हिस्से में, घुटनों के पीछे, पैरों की उंगलियों के बीच। अगली बार ध्यान रहे। ;)
क्यों? सोने के बाद क्या आप alien बन जाती हैं? आपको पसीना नहीं आता? अगर आपकी बेहतरीन खुशबू से attract होने वाला कोई भी नहीं है (अगर आप अकेली सोती हैं :-P ) तो भी सुबह एक fresh-feel के साथ उठने के लिए, सोने से पहले deo लगाना अच्छा optionहै। :)
अब ये नहीं चलेगा, deo खरीदते वक्त भी थोड़ी अक्लमंदी दिखाएं। कोई ऐसा deo ही prefer करें जो आपके बाथिंग बार और ब्यूटी प्रोडक्ट्स की खुशबू से मैच करे। बॉडी वॉश और मॉश्चराइज़र के लिए अगर आपको फ्लोरल scent पसंद है तो deodorant भी फ्लोरल खुशबू वाला ही लें, नहीं तो सभी की खुशबू clash करेगी और आपको किसी की पूरी महक नहीं मिलेगी।
आपको क्या लगता है, एक बार deo लगा लेने से या उससे नहा लेने से दिनभर की छुट्टी हो गई? चार घंटे में एक बार वॉशरूम जाकर जहां deo लगाया था वो area clean-up करें और फिर से deo लगाएं। Clean-up इसलिए ज़रूरी है ताकि जो पसीना आपके underarms वगैरह में इकट्ठा हो गया है, वह साफ हो जाए और पसीने की layer पर ही deo न रह जाए। Clean-up के लिए आप wet-wipes का इस्तेमाल कर सकती हैं। (Come on! wet wipes तो हर लड़की रखती है यार!)
अगली बार deodorant लगाने से पहले ध्यान में रखें। :)
अपने आप से प्यार करना है जरुरी