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soak dals before cooking

दाल बनाने से पहले उसे कुछ देर के लिए पानी में भीगाना क्यों चाहिए? जानिए क्या कहता है ‘आयुर्वेद’

दाल हमारे भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा रही है। देश के कोने-कोने में दाल से जुड़े कई व्यंजन बनाए जाते हैं। लेकिन कई लोग दाल को एक घंटे तक बिना भिगोए ही इस्तेमाल करते हैं। वे बस उसे धोते हैं और फिर तुरंत गैस पर रख देते हैं। क्या आप जानते हैं कि दाल को बनाने से पहले उसे कुछ देर के लिए पानी में भिगो देना चाहिए? अगर आप अब तक दाल को बिना भिगोए इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि पकाने से पहले दाल को पानी में भिगोना क्यों जरूरी है? साथ ही ये भी जानते हैं कि आयुर्वेद में दाल पकाने से पहले उसे भिगोने के क्या स्वास्थ्य लाभ हैं –

दाल को पकाने से पहले क्यों भिगोया जाता है?

दाल को पकाने से पहले कुछ देर पानी में भिगोने से आपका आधा काम हो जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, पानी में भिगोने से दाल से फाइटिक एसिड और टैनिन निकल जाते हैं, जो आम तौर पर दाल से पोषक तत्वों को अवशोषित करने के तरीके को अवरुद्ध कर देते हैं और सूजन का कारण बनते हैं। यही कारण है कि कई लोगों को दाल खाने के बाद बेचैनी और भारीपन महसूस होता है।

दाल को पकाने से पहले उसे भीगाना सदियों से इस्तेमाल की जाने वाली विधि रही है। हो सकता है कि हमारे पूर्वजों को इसके लाभकारी होने के जैव रासायनिक कारणों का पता न हो, लेकिन उन्होंने माइक्रोमिनरल की कमी से बचने और प्रोटीन के पाचन में सुधार करने के लिए बीन्स, दाल, नट और बीजों को भिगोने की प्रक्रिया का पालन करना जारी रखा।

दाल बनाने से पहले भिगोने के फायदा

यह एमाइलेज को उत्तेजित करने में भी मदद करता है, जो मूल रूप से एक एंजाइम है। यह दालों में पाए जाने वाले स्टार्च को ग्लूकोज और माल्टोज में तोड़ देता है और शरीर को पचाने में आसान बनाता है। दाल को धोने के अलावा, भिगोने से ओलिगोसेकेराइड्स को हटाने में भी मदद मिलती है, जो एक प्रकार की जटिल शुगर होती है। इससे सूजन और बेचैनी होती है। अधिकतम पोषक तत्वों और बेहतर पाचन के लिए खाना पकाने से पहले दाल भिगो दें।

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जानिए दाल भिगोने का सही तरीका:

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स्टेप 1: दाल को एक कटोरे में इकट्ठा करें और पानी से धो लें।

स्टेप 2: पानी को 3 से 4 बार तब तक बदलें जब तक पानी साफ न हो जाए और दाल को धीरे से अपनी उंगलियों और हथेलियों से रगड़ कर धो लें ताकि सारी गंदगी निकल जाए।

स्टेप 3: अब उन्हें ताजे पीने के पानी भरकर ढक दें।

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स्टेप 4: उन्हें कम से कम 1 घंटा और ज्यादा से ज्यादा 5-6 घंटे तक भीगने के लिए छोड़ दें। आर्युवेद का नियम तो कहता है कि रात भर भिगोना है।

स्टेप 5: पकाने से पहले पानी निकाल दें और ताजे पानी से पकाएं।

स्टेप 6: उबालने पर बनने वाले झाग को हटाना न भूलें।

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27 Mar 2023

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