ADVERTISEMENT
home / Hindi
जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार क्या है सोने का सही तरीका, दिशा और समय

जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार क्या है सोने का सही तरीका, दिशा और समय

पर्याप्त नींद लेना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि सोने से हमारी थकान दूर होती है और शरीर तरोताजा दिखता है। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इसका असर आपके काम पर पड़ता है। लेकिन बहुत से लोग सही ढंग से सो नहीं पाते हैं, कभी-कभी देर-देर रात तक नींद आती है और इसका सीधा असर उनके शरीर पर पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शास्त्रों में सोने के भी कुछ नियम बताये गये हैं, जैसे कि सोने का सही समय, सोने की सही दिशा और सोने का सही तरीका क्या होता है। क्योंकि इससे आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके परिवार, काम-काज और रिश्तों पर भी बुरा असर पड़ता है। तो आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसे सोना चाहिए ….

वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने की सही दिशा

वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने के लिए पूर्व की दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है। क्योंकि सूरज भी पूर्व की ओर से निकलता है, सनातन धर्म में सूर्य को जीवनदाता और देवता माना गया है। ऐसे में सूर्य के निकलने की दिशा में सिर रखकर सोना वैज्ञानिक और आध्‍यात्मिक दोनों की दृष्टि से श्रेष्‍ठ होता है। साथ ही पूरब दिशा में पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे कम होता है। इसलिए सोने के समय सिर की दिशा पूर्व में ही रखें। ध्यान रखें कि पूरब की दिशा में पैर न हो, क्योंकि यहां देवता का वास होता है। ऐसा करने से शरीर रोग ग्रस्त होता है और घर-परिवार में संकट के बादल छा जाते हैं। साथ ही धर्म शास्त्र की दृष्टि से भी इसे अशुभ माना जाता है। इसके अलावा उत्तर दिशा में सिर करके सोना अपशकुन होता है। दरअसल मृत्यु के बाद व्‍यक्ति को उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सुलाया जाता है।
वास्तु के अनुसार घर में ये 5 बदलाव करने से चमक जायेगी आपकी किस्मत

वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने का सही समय

नींद का संतुलन बिगड़ने पर शरीर को नुकसान हो सकता है। नींद की कमी के कारण अक्सर लोगों का ध्यान भटक जाता है। यह उनके प्रदर्शन को प्रभावित करता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यदि आप दोपहर में 45 मिनट की झपकी लेते हैं तो यह शरीर के लिए अच्छा होता है। यह उस व्यक्ति के लिए भी आवश्यक है जो सुबह जल्दी उठकर काम पर जाता है। इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है। ज्यादा नींद लेने से बेचैनी, सिर दर्द, सुस्ती आती है, जो आपके काम करने की क्षमता को प्रभावित करती है। शास्त्र कहता है कि भोजन करने के 2 घंटे बाद सो जाना चाहिए। ज्यादा देर रात तक नहीं जगना चाहिए।

हमारे धार्मिक शास्त्रों में शाम को सोना वर्जित माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि मना के समय सोने वालों से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति बीमार, बुजुर्ग या गर्भवती महिला है तो ये लोग अपनी सुविधा के अनुसार दिन में किसी भी समय सो सकते हैं। ऐसे लोग कभी भी सोने में खुद को दोषी महसूस नहीं करते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति बिना वजह गलत समय पर सो जाए तो इसे शुभ नहीं माना जाता है।

ADVERTISEMENT

वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने का सही तरीका

  • सोने के सही तरीके के बारे में बात करें तो पूर्व दिशा की तरह सिर रखकर सोना चाहिए। 
  • किसी समतल और ठोस गद्दे पर सोना चाहिए।
  • अगर ज्यादा जरूरी काम नहीं है तो देर रात तक नहीं जागना चाहिए।
  • सोने से पहले मन को शांत करना चाहिए और भगवान का ध्यान जरूरी है।
  • जब भी आप सोकर उठें, तो अपनी दायीं तरफ घूमें और फिर बिस्तर से उठें।
  • सुबह सोकर उठने पर पहले झुककर धरती का स्पर्श करना चाहिए फिर पैर जमीन पर रखना चाहिए।

वास्तु के अनुसार अगर लगवायेंगे घर की नेम प्लेट तो जरूर मिलेगा Name & Fame

22 Sep 2022

Read More

read more articles like this
good points

Read More

read more articles like this
ADVERTISEMENT