मेरे प्यारे बॉयफ्रेंड!
तुम्हें पता है मुझे भी हर बार अफसोस होता है जब हम लड़ते हैं और फिर कोशिश करते हैं कि किसी भी तरह ये सब नॉर्मल हो जाए। पर आज मैं तुम्हें बताना चाहती हूं कि मुझे कभी-कभी वो सब पसंद आता है। उस नोंक-झोंक की भीनी यादें बहुत अच्छी लगती हैं। वो लड़ना-झगड़ना हमें बहुत कुछ दे जाता है। ख़ैर, क्यों पसंद है मुझे तुमसे कभी कभी लड़ना.. बताती हूं।
1. क्योंकि मुझे तुम्हारी बहुत परवाह है
और मैं तुम्हें छोड़कर जाने से बेहतर तुमसे उस बात पर लड़ना समझती हूं। 🙂
2. क्योंकि तुम मानो या न मानो
हर लड़ाई के बाद हम एक-दूसरे को और बेहतर समझ पाते हैं। हमारा डर, insecurities और सारे doubts निकलकर बाहर आते हैं।
3. और फिर वो आसमान साफ नज़र आता है। सब कुछ clear हो जाता है।
ये ज़रूरी है.. और हम दोनों एक-दूसरे की कुछ बातें लेकर घुटते रहें, परेशान रहें.. इससे तो अच्छा ही है कि सब कुछ sort-out किया जाए।
4. क्योंकि कभी-कभी मुझे मन करता है कि तुम्हारी अटेंशन मिले
उससे ज्यादा जितनी तुम हर रोज देते हो। 😉 😀
5. क्योंकि मुझे तुम्हारे opinion की कद्र है और मैं ये जानना चाहती हूं कि तुम उसके लिए कितने सीरियस हो
और इसके लिए argument से बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता।
6. क्योंकि…
बहस के बाद अक्सर अगला नम्बर सेक्स का होता है। 😉
7. क्योंकि उसके बाद एक मौका मिलता है कुछ बदलाव लाने का
अगर हमें पता ही नहीं चलेगा कि कौन-सी चीज़ें मुझे या तुम्हें परेशान करती हैं तो हम प्रॉब्लम सुलझाएंगे कैसे।
8. क्योंकि लड़ने से मुझे पता चलता है कि तुम किन चीज़ों के लिए passionate हो
और फिर मैं तुम्हें और भी ज्यादा प्यार करने लगती हूं। 🙂
9. क्योंकि मुझे पता है इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता
..कि हम लोग कितना लड़ते हैं। फाइनली हम दोनों हमेशा एक-दूसरे के साथ हैं। 🙂
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यह स्टोरी POPxo हिन्दी के लिए Riwa Singh ने लिखी है।