सास-बहू रिलेशनशिप टिप्स – Saas Bahu Healthy and Happy Relationship Tips In Hindi
अब वो समय गया जब सास-बहू के बीच रोक-टोक, बेटे और पति के समय को लेकर बहस और तू-तू-मैं-मैं होती थी। अब मतभेद सोच और समय को लेकर है। कई बार यह तालमेल ना होने पर क्लेश बढ़ता है और घर का माहौल खराब होता है। लेकिन ये रिश्ता ऐसा है जो लंबे समय तक साथ चलता है। ऐसे में इस रिश्ते को खूबसूरत बनाने की कोशिश करनी चाहिए न कि बिगाड़ने की। खासतौर पर जिन लड़कियों की अभी शादी होने वाली है या फिर जिन की अभी नई-नई शादी हुई है, उन्हें सास-बहू के ये रिलेशनशिप रूल्स जरूर फॉलो करने चाहिए, ताकि उनके रिश्ते में मिठास सदा कायम रहे –
उम्मीदें न रखें
किसी ने सच ही कहा है कि उम्मीदें हमेशा दिल दुखाती हैं। इसीलिए खुश रहने का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि उम्मीद खुद से रखो कभी भी दूसरों से नहीं। सास-बहू के रिलेशनशिप में भी ये रूल सबसे अहम है। क्योंकि उम्मीद न पूरी होने पर ही झगड़े और मनमुटाव शुरू हो जाते हैं। सास सोचती है कि ये काम बहू अच्छे से कर लेगी और बहू सोचती है कि सास अच्छे से कर लेगी। ऐसे में काम न पूरे होने पर दोनों का दिल दुखता है। इसीलिए एक-दूसरे से उम्मीद रखें बिना अपना काम स्वयं करें। जो घर के काम हैं उन्हें आपस में बांट लें। जो काम आप कर सकती हैं उन्हें बताएं और जो नहीं वो भी। ऐसा करने से कोई परेशानी नहीं होगी। बल्कि आप दोनों का रिश्ता ही बेहतर होगा।
रिस्पेक्ट है जरूरी
सम्मान या रिस्पेक्ट करना हर बेहतर रिश्ते की निशानी है। वो आपसे उम्र में बड़ी हैं, उनके पास आपसे ज्यादा अनुभव व समझ है। अगर आपको किसी भी चीज को लेकर कोई परेशानी हैं तो वो इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। जिन रिश्तों में सम्मान की भावना नहीं होती हैं अक्सर वही ज्यादातर लड़ाई-झगड़े और मनमुटाव देखने को मिलते हैं। हमारी संस्कृति भी यही सीख देती है कि हमें बड़े-बुजुर्गों का हमेशा सम्मान और आदर करना चाहिए। जब सम्मान होगा तो कोई भी गलत बात न तो आपके मुंह से निकलेगी और न ही उनकी तरफ से।
एक-दूसरे से बातें शेयर करें
मन के जज्बात और बिना कहें कोई बात समझना सब फिल्मी बातें हैं। हकीकत में किसी भी रिलेशनशिप को बेहतर बनाने के लिए एक-दूसरे की फीलिंग्स समझनी पड़ती हैं। जब आप एक-दूसरे से अपनी बातें शेयर करेंगे तो रिश्ता अपने-आप बेहतर बन जाएगा। अकसर देखा गया है कि शादी के 1 साल पूरे होते ही बहू पर बच्चे करने का प्रेशर डाला जाता है। अगर आप जल्दी बच्चा करना नहीं चाहती या फिर कोई दिक्कत आ रही है, इन सब बातों को आप अपनी सास से शेयर कर सकती हैं। यकीन मानिए वो आपका ही पक्ष लेंगी।
गलतफहमी करें दूर
कहते हैं कि आधी-अधूरी जानकारी का हमेशा गलत ही अंजाम होता है। इसीलिए किसी बात को बिना जाने या फिर आधा-अधूरा सुनकर तुरंत रिएक्ट न करें। सास-बहू के झगड़े का सबसे बड़ा कारण यही होता है। हो सकता है कि आप ने कुछ गलत सुना हो या फिर आप गलत समझा हो और गुस्से में आकर कोई ऐसी बात कर दी जो सबको बुरी लग गई जाये। इस तरह की जब कोई स्थिति आये तो ऊपर तुरंत रिएक्शन न दें। अगर आपके बारे में कोई गलत बोल रहा है तो सामने से जाकर उस बारे में खुलकर बात करें। हो सकता है आप जिस तरह से गलत सोच रहे हों वैसे उन्हें भी कोई गलतफहमी हुई हो। इन सबका एक ही उपाय है और वो है ओपन डिस्कशन। आमने-सामने बैठकर खुलकर बातें करें और अपनी गलतफहमी या दूसरों द्वारा की गई बुराई या बातों पर एक-दूसरे के विचार जानें। देखिए ऐसा करने से सिर्फ रिश्ते ही नहीं अच्छे होंगे बल्कि एक-दूसरे के प्रति विश्वास भी और गहरा हो जाएगा।
अपनी मां ही समझें
हर एक लड़की के लिए उसकी मां दुनिया की बेस्ट मां होती है। लेकिन उसकी सास नहीं। इसके पीछे वजह ये है कि हम उन्हें मां समझते ही नहीं है। हम उन्हें सास का दर्दा देने की कोशिश करते हैं। लेकिन यही नहीं करना है। सोचिए लड़कियां इतनी लकी होती हैं कि उन्हें अपने जीवन में एक नहीं बल्कि दो-दो मांओ का प्यार मिलता है। अगर आप अपनी सास को अपनी मां जैसा ही समझेंगी तो यकीन मानिए आपके मन में उनके प्रति कभी भी गलत विचार नहीं आ सकते हैं। और हां अपनी सासू मां को भी कहें कि वो आपको बहू नहीं बेटी बुलाए। देखिए फिर आप दोनों की जोड़ी कैसे धमाल करती है।
उनके नजरिये को भी समझने की कोशिश करें
आपकी सास ने वो समय देखा है जब औरतों की इतनी रिस्पेक्ट या कद्र नहीं थी जितनी की आज के समाज में है। कहने का मतलब आजादी से है। उन्होंने जो समय देखा है वो उसी के अनुसार बातें करेंगी। ऐसे में उन्हें कम आंकना सही नहीं है। क्योंकि जब आप सास बनेगी तो आपकी बहू भी यही सोच रख सकती हैं। इसीलिए उनके नजरिये को पहले समझिए अगर वो आज की विचारधारा से मेल नहीं खाते हैं तो उन्हें उसके फायदे और नुकसानों के बारे में बताइए। उन्हें आज के समाज और बाहरी दुनिया से परिचय कराएं। ताकि वो भी अपनी नॉलेज को अपडेट कर सकें और आप जैसा सोच सकें।