प्यार के रंगों से भरा होली का पावन त्यौहार हमारी चौखट पर दस्तक दे रहा हैं। भारतीय संस्कृति और परंपरा में होली के त्यौहार का अपना ही एक महत्व हैं। विशेषकर होली का त्यौहार हमारे जीवन में ऐसे वक़्त ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं जब हमारे चारों ओर निराशा का भाव पसरा हुआ हैं। मदमस्त, अल्हड़ और जीवन से सरोबार यह त्यौहार अपनों को करीब लाने और रूठो को मनाने के लिए भी जाना जाता हैं।
होली मात्र एक त्यौहार नहीं बल्कि जीवन का सार हैं। जहां होली का उड़ता गुलाल, हर्ष-उल्लास का परिचय देता हैं, तो वही होली, बुराई के दहन का प्रतीक भी हैं। हज़ारो रंग और इन रंगो में फैली रंग बिरंगी संस्कृति की मिठास, होली को और खूबसूरत बना देती है। फाल्गुन मास में मनाये जाने वाले इस रंगों के त्योहार में मानव सभ्यता के लिए कई सन्देश निहित हैं। होली के खूबसूरत रंग जीवन को भी रंगीन बनाये रखने की प्रेरणा देते हैं।
होली का त्यौहार (Holi Wishes in Hindi) अपने साथ अनेकों सीख भी देकर जाता हैं, होली हमें ज़िन्दगी का संतुलन सिखाती हैं यही वजह है की होली क्यों मनाई जाती है। जिस तरह सूर्य अपनी रोशिनी धरती पर कई रंगो में न्योछावर करता हैं, वैसे ही रंगो का निश्चित संतुलन, हमें जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाने की प्रेरणा देता हैं। इसके इतर होली बदलाव का भी सूचक हैं। होली का पर्व वसंत ऋतु के आगमन की सूचना देता हैं। यह ऋतु नवनिर्माण के लिए जानी जाती हैं। वसंत ऋतु का आगमन हमें जीवन में परिवर्तन के लिए भी सन्देश देता हैं। यही नहीं होली अनेकता में एकता का संदेश देती हैं, होली के रंग हमें सिखाते हैं कि इंसानो में जाती, धर्म, रंग रूप, धन, यश आदि की ऊंची दीवारों के बाद भी लोग एक उत्साह में सरोबार होकर समत्व को अपनाते हैं।
होली के रंग हमें सिखाते हैं कि जीवन रंगों से भरा हुआ होना चाहिए। होली के अनेकों रंग हमारे जीवन में निभाई जाने वाली भूमिकाओं को भी दर्शाते हैं। जिस प्रकार हर रंग की अपनी एक पहचान और खूबसूरती हैं, ठीक वैसे ही हमारे जीवन में भी, हर भूमिका की अपनी एक जगह हैं। हर एक रंग अलग-अलग दिखने और आनंद उठाने के लिए ही बनाये गए हैं। हम चाहे किसी भी परिस्तिथि में हो हमारा योगदान शत प्रतिशत होना चाहिए तभी हमारा जीवन रंगो से भरा रहेगा। असल में होली हमें जीवन के वास्तविक रंगों से जुड़ना भी सिखाता हैं, होली में अपनत्व का रंग भी निहित हैं, समय के साथ बदलते रंगो के स्वरुप ने होली की बधाई तक को औपचारिक बना दिया हैं। समय के साथ साथ जैसे रिश्ते औपचारिक होते गए वैसे ही त्यौहार भी अपनों तक ही सिमट कर रह गए हैं।
सामाजिक समरसता के अभाव ने होली के मायने बदल दिए हैं, लेकिन होली हमें सिखाती हैं की इस त्यौहार की तरह ही हमारा जीवन भी रंगों भरा होना चाहिए न कि उबाऊ। यह संसार और हमारा जीवन रंगों से भरा है। प्रकृति की तरह ही हमारी भावनाओं तथा संवेदनाओं का रंगों से गहरा संबंध है। देखा जाए तो प्रत्येक मनुष्य एक रंगीन फव्वारा है, जिसके रंग बदलते रहते हैं। इसलिए अपने जीवन को ऐसा संवारें की हर दिन होली बन जाए। जीवन में खुशी, प्रेम,आनंद के फूल खिले और ज्ञान की ज्योति से जगमगाते रहें। जो पल जीवन में आया है उसे आनंद के साथ बिताएं।