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नागपंचमी कब है और क्यों मनाई जाती है, Nag Panchami Kab Hai

2022 नागपंचमी कब है और क्यों मनाई जाती है – Nag Panchami Kab Hai

हिंदू धर्म में नागपंचमी पर्व की काफी मान्यता है। इस दिन को लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था से मनाते आ रहे हैं। नागपंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। लोग इस दिन एक-दूसरे को नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। भगवान शिव को भी सर्प अत्‍यंत प्रिय हैं, इसलिए यह त्‍योहार उनके प्रिय मास सावन में मनाया जाता है। मान्यता है कि नागों की पूजा करने से अन्‍न-धन के भंडार भरे रहते हैं और परिवार में किसी को भी नागदंश का भय नहीं रहता है। नागपंचमी के दिन (nag panchami in hindi) उपवास रख, पूजन करना कल्याणकारी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सर्प को दूध से स्नान कराने से सांप से किसी प्रकार का भय नहीं रहता है। आज यहां हम आपको नागपंचमी कब है (nag panchami kab hai 2022), नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है, नाग पंचमी का महत्व और नागपंचमी पूजा विधि इन सबके बारे में विस्तारपूर्वक बतायेंगे।

 

Nag Panchami Kab Hai – नागपंचमी कब है

सबसे पहले तो ये जानते हैं कि साल नाग पंचमी 2022 में कब है (nag panchami kab ki hai)? तो आपको बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पूरे भारत में श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मानाया जाता है। इस साल नागपंचमी 2 अगस्त को पड़ रही है। कुछ कथनों के अनुसार घर में अगर लम्बे समय से सुख शांति नहीं बनी तो नाग पंचमी के दिन पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते है और गृह शान्ति बनी रहती है। 

Nag Panchami Kyu Manayi Jati Hai – नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है

सावन मास के आराध्य देव भगवान शिव माने जाते हैं। साथ ही यह समय वर्षा ऋतु का भी होता है जिसमें माना जाता है कि भू गर्भ से नाग निकल कर भू तल पर आ जाते हैं। वह किसी अहित का कारण न बनें इसके लिये भी नाग देवता को प्रसन्न करने के लिये नाग पंचमी की पूजा की जाती है। नागपंचमी का त्योहार नागों और सर्पों की पूजा का पर्व है। हिंदू धर्मग्रन्थों में नाग को देवता माना गया है, इसके पीछे कई मान्यताएं हैं, जैसे कि शेषनाग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है। भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर सोते हैं। भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना नदी पार की थी। यही नहीं, समुद्रमंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी। इसीलिए नागपंचमी के दिन (nag panchami in hindi) नाग देवता का आभार व्यक्त किया जाता है। एक अन्य कारण यह भी है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी ज्यादा भर जाने से वो बिल छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं। उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नागपंचमी के दिन नाग के पूजन की परंपरा शुरू हुई।

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Nag Panchami Kyu Manayi Jati Hai
                                Nag Panchami Kyu Manayi Jati Hai

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे उत्तर भारत में नागपंचमी का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन नाग को देवता मान कर उनकी पूजा की जाती है। भारत के अलग-अलग प्रांतों में इसे अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। भारत के दक्षिण महाराष्ट्र और बंगाल में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा के कुछ भागों में इस दिन नागों की देवी मां मनसा कि आराधना की जाती है। केरल के मंदिरों में भी इस दिन शेषनाग की विशेष पूजा की जाती है। 

 

Importance of Nag Panchami in Hindi – नाग पंचमी का महत्व

नाग पंचमी का महत्व अलग-अलग स्थानों के लोगों में अलग- लग है। वो अपने रीति-रिवाजों के अनुसार इसे मनाते हैं। इस दिन नाग देवता के दर्शन करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा नागपंचमी पर रुद्राभिषेक का भी अत्यंत महत्व है। पुराणों के अनुसार, पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर उठाया हुआ है इसलिए उनकी पूजा का विशेष महत्‍व है। यह दिन गरुड़ पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है और नाग देवता के साथ इस दिन गरुड़ की भी पूजा की जाती है। जानकार बताते हैं कि इस दिन घर की महिलाओं को उपवास रख, विधि- विधान से नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इससे परिवार की सुख- समृद्धि में वृद्धि होती है और सर्पदंश का भय भी नहीं रहता है। 
प्राचीन काल से हमारे भारत देश में मनाए जाने वाले पर्व और उत्सवों को धर्म से जोड़ा गया है, जहां ये एक तरफ धार्मिक आस्था को बढ़ावा देते हैं, वहीं दूसरी तरफ ये व्यक्ति और समाज को प्रकृति से जोड़ने का कार्य भी करते हैं। सावन माह की पंचमी तिथि में मनाया जाने वाला नागपंचमी का त्योहार भी इंसान को पर्यावरण में मौजूद जीव- जंतु की रक्षा करने का संदेश देता है। आज भी मेडिकल साइंस बहुत हद तक दवाइयों के निर्माण के लिये सांपों और नागों से प्राप्त होने वाले विष पर निर्भर है। इनके जहर की थोड़ी-सी मात्रा अनेक लोगों का जीवन बचाने में उपयोगी है। वहीं दूसरी तरफ कृषि प्रधान वाले देश में बरसात के मौसम में धान की फसल तैयार की जाती है। इन धान के पौधों को चूहे काट कर नष्ट कर देते हैं। सांपों द्वारा चूहों का भक्षण एक संतुलन उत्पन्न करता है। इस पारिस्थितिकीय उपयोगिता के कारण ही प्राचीन काल से नागपंचमी का त्योहार (nag panchami in hindi) मानाया जाता है ताकि नागों और सर्पों की रक्षा हो और व्यक्ति भी उनके दंश से बचा रहे।
 

Nag Panchmi Pujan Vidhi in Hindi – नाग पंचमी पूजन विधि

Nag Panchami Pujan Vidhi
                          Nag Panchami Pujan Vidhi

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गरुड़ पुराण के अनुसार, इस दिन प्रात: नित्यक्रम से निवृत्त होकर, स्नान कर घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर और काजल से नाग बनाया जाता है। मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध, दूब, कुशा, चंदन, अक्षत, पुष्प आदि चढ़ाएं। इसके बाद नाग देवता की कथा पढ़कर आरती करें। फिर मिठाई का भोग बनाकर भोग लगाया जाता है। नाग पंचमी की पूजा के लिये एक खास मंत्र ” ऊं कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” का प्रयोग करना चाहिए। इस मंत्र से काल सर्प दोष की शान्ति भी होती है। 

History of Nag Panchami in Hindi – नाग पंचमी का इतिहास

भविष्यपुराण के अनुसार, सागर मंथन के दौरान नागों ने अपनी माता की बात नहीं मानी थी जिसके चलते उन्हें श्राप मिला था। नागों को कहा गया था कि वो जनमेजय के यज्ञ में जलकर भस्म हो जाएंगे। घबराए हुए नाग ब्रह्माजी की शरण में पहुंच गए और उनसे मदद मांगने लगे। तब ब्रह्माजी ने कहा कि नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक सभी नागों की रक्षा करेंगे। ब्रह्माजी ने यह उपाय पंचमी तिथि को ही बताया था। वहीं, आस्तिक मुनि ने सावन मास की पंचमी तिथि को नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था। इन्होंने नागों के ऊपर दूध डालकर उन्हें बचाया था। उस समय मुनि ने कहा था कि जो भी पंचमी तिथि को नागों की पूजा करेगा उसे नागदंश से कोई डर नहीं रहेगा।

History of Nag Panchami in Hindi
                     History of Nag Panchami in Hindi

नाग पंचमी की पूजा का एक प्रसंग भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ भी बताते हैं। बालकृष्ण जब अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तो उन्हें मारने के लिये कंस ने कालिया नामक नाग को भेजा। पहले उसने गांव में आतंक मचाया। लोग भयभीत रहने लगे। एक दिन जब श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तो उनकी गेंद नदी में गिर गई। जब वे उसे लाने के लिये नदी में उतरे तो कालिया ने उन पर आक्रमण कर दिया फिर क्या था कालिया की जान पर बन आई। भगवान श्री कृष्ण से माफी मांगते हुए गांव वालों को हानि न पंहुचाने का वचन दिया और वहां से खिसक लिया। कालिया नाग पर श्री कृष्ण की विजय को भी नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
वहीं एक अन्य कथा के अनुसार, एक राजा के सात पुत्र थे, सभी का विवाह हो चुका था। उनमें से छ: पुत्रों के यहां संतान भी जन्म ले चुकी थी, परन्तु सबसे छोटे की संतान प्राप्ति की इच्छा अभी पूरी नहीं हुई थी। संतानहीन होने के कारण उन दोनों को घर- समाज में तानों का सामना करना पड़ता था। समाज की बातों से उसकी पत्नी परेशान हो जाती थी। परन्तु पति यही कहकर समझाता था, कि संतान होना या न होना तो भाग्य के अधीन है। इसी प्रकार उनकी जिन्दगी के दिन किसी तरह से संतान की प्रतीक्षा करते हुए गुजर रहे थे। एक दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। इस तिथि से पूर्व कि रात्रि में उसे रात में स्वप्न में पांच नाग दिखाई दिये। उनमें से एक ने कहा की अरी पुत्री, कल नागपंचमी है, इस दिन तू अगर पूजन करे, तो तुझे संतान की प्राप्ति हो सकती है। प्रात: उसने यह स्वप्न अपने पति को सुनाया, पति ने कहा कि जैसे स्वप्न में देखा है, उसी के अनुसार नागों का पूजन कर देना। उसने उस दिन व्रत कर नागों का पूजन किया और समय आने पर उसे संतान सुख की प्राप्ति हुई।

 

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नागपंचमी से जुड़े सवाल और जवाब FAQs

साल 2021 में नागपंचमी किस दिन है?

नाग पंचमी 2021 में 13 अगस्त के दिन पड़ रही है। नागपंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5.49 बजे से 8.28 बजे तक है। नागपंचमी के दिन उपवास रख, पूजन करना कल्याणकारी माना गया है।

नागपंचमी के दिन नाग देवता या सांप की पूजा क्यों की जाती है?

नाग जहां भगवान शिव के गले के हार हैं। वहीं भगवान विष्णु की शैय्या भी। लोकजीवन में भी लोगों का नागों से गहरा नाता है। इन्हीं कारणों से नाग की देवता के रूप में पूजा की जाती है। बारिश के मौसम में वो भू तल पर आ जाते है और वह किसी अहित का कारण न बनें इसके लिये भी नाग देवता को प्रसन्न करने के लिये नाग पंचमी की पूजा की जाती है।

नागपंचमी और गुड़िया का त्योहार का आपस में क्या संबंध है ?

उत्तरप्रदेश में नागपंचमी के दिन गुड़िया पीटने की प्रथा है। घर के पुराने कपड़ों या कतरन से बनी गुड़िया बनाकर उसमें उबले गेहूं और चना भरकर उसे चौहारे पर डालते हैं। बच्चे उन्हें कोड़ों और डंडों से पीटकर खुश होते हैं। हालांकि इसके पीछे कोई ऐसा संदेश नहीं है जिससे लोग प्रेरित हों, मगर सालों से चली आ रही प्रथा के कारण लोग उसे मनाते आ रहे हैं। 

क्या नागों और सांप को दूध नहीं पिलाना चाहिए ? 

नागपंचमी पर लोग नागों को दूध पिलाना शुभ मानते हैं। पर आपको बता दें कि विज्ञान के अनुसार नागों को दूध पिलाना नुकसानदेह है। सांप का पाचन तंत्र ऐसा नहीं होता कि वो दूध को हजम कर पाए। सांप एक मांसाहारी रेंगनेवाला जीव है जबकि दूध तो स्‍तनपायी जीवों को दिया जाता है। 

क्या नागपंचमी का दिन कालसर्प दोष की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है?

यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन उपाय करने से वो दूर हो सकता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करें और ऊं नम: शिवाय का जप करें। ऐसी मान्यता है कि जातक के पूर्व जन्म में किसी जघन्य अपराध या शाप की वजह से उसकी कुंडली में कालसर्प योग बनता है।

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